नई दिल्ली – दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर शाम चार बजे सुनवाई होगी। एक सप्ताह पहले इस मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
विगत सप्ताह केद्रीय जांच ब्यूरो ने शराब घोटाले मामले का विवरण और गवाहों के बयान अदालत के सामने पेश किए थे। इस बीच अहम चर्चा यह है कि मनीष सिसोदिया को आज अदालत से बेल मिलेगी या नहीं। क्या उनकी मुश्किलें पहले की तरह बरकरार रहेगी या फिर उन्हें बेल के लिए अभी और इंतजार करना होगा। सीबीआई की दलील से पहले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का मकसद पूरा नहीं होगा।
इस मामलें में सभी रिकवरी पहले ही की जा चुकी हैं। मैंने, सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया। उन्होंने जब बुलाया, उनके पास हाजिर हुआ। साथ ही इस बात का हवाला भी दिया था कि पब्लिक लाइफ में एक्टिव होने की वजह से समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए वह जमानत पाने के हकदार हैं। इस बीच अहम चर्चा यह है कि मनीष सिसोदिया को आज अदालत से बेल मिलेगी या नहीं। क्या उनकी मुश्किलें पहले की तरह बरकरार रहेगी या फिर उन्हें बेल के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
सीबीआई की दलील से पहले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का मकसद पूरा नहीं होगा। इस मामलें में सभी रिकवरी पहले ही की जा चुकी हैं। मैंने, सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया। उन्होंने जब बुलाया, उनके पास हाजिर हुआ। साथ ही इस बात का हवाला भी दिया था कि पब्लिक लाइफ में एक्टिव होने की वजह से समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए वह जमानत पाने के हकदार हैं।
वहीं, केंद्रीय जांच ब्यूरो के वकील डीपी सिंह ने पिछले सप्ताह मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि यदि उन्हें जमानत दी जाती है तो वह हमारी जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उनका प्रभाव और हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर है। सीबीआई ने दावा किया था कि सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने फोन इसलिए तोड़ दिए थे क्योंकि वो अपग्रेड करना चाहते थे, जो वो बता रहे हैं वो सच नहीं है। हकीकत यह है कि उन्होंने चैट को खत्म करने के लिए ऐसा किया।
ऐसे में उन्हें जमानत मिली तो वह सबूतों को नष्ट कर सकते हैं। दरअसल, दिल्ली शराब घोटाला मामले में 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। वहीं मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था। उसके बाद से लगातार प्रयासों के बावजूद मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिली है। आज इस मसले पर शाम 4 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पूर्व डिप्टी सीएम की जमानत पर कोर्ट का फैसला आ सकता है।