करोड़ों रुपए कीमत की सरकारी जमीनें भू-माफियाओं के पाले में, जांच के बाद होगी कार्रवाई
हरीश चन्द्रा, ग्वालियर।
भू-माफियाओं से साठगांठ के आरोपों से घिरे एडवोकेट विजय कुमार शर्मा से आखिर सरकार ने छुट्टी कर दी। वे पिछले छह साल से लोक अभियोजक (सरकारी वकील) के रूप में जिला न्यायालय ग्वालियर में सरकार का काम देख रहे थे। इसी माह 10 तारीख को उनका कार्यकाल खत्म हो गया लेकिन सरकार ने इस बार अब तक उन्हें निरंतर नहीं किया है। इसके अलावा छह अन्य सरकारी वकीलों का कार्यकाल भी खत्म हो गया। उन्हें भी हटा दिया गया है।
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इनके पास जो काम थे उन्हें अन्य सरकारी वकीलों को सौंप दिया है। विजय कुमार शर्मा पर भू-माफियाओं से साठगांठ के गंभीर आरोप हैं। उनकी मिलीभगत से करोड़ों रुपए कीमत की सरकारी जमीनों के मालिक भू-माफिया बन गये हैं। गंभीर आरोप यह है कि महलगांव की करीब 10 करोड़ की जमीन तो उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के नाम करा ली। कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक उनकी शिकायत पहुंची है। आखिर कलेक्टर रूचिका चौहान ने उनकी छुट्टी कर दी। बिल्ल् बादशाह ने इन बड़े गंभीर मामलों को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। लेकिन अभी बड़ा सवाल यह है कि क्या केवल पद से हटा देना ही पर्याप्त है। देखना यह है कि सरकार अब उनके खिलाफ क्या सख्त कार्रवाई करती है, जनता की निगाह इसी ओर टिकी हैं।
इन सरकारी वकीलों को भी हटाया
जिला न्यायालय में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित कुल 22 कोर्ट हैं। अब केवल 11 सरकारी वकील रह गये हैं। विजय शर्मा लोक अभियोजक थे जबकि मिनी शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा, मंजुला त्रिपाठी, घनश्याम मंगल, माताप्रसाद बरूआ और शरद भटनागर सहायक लोक अभियोजक(एजीपी) थे। इनका कार्यकाल 10 मई को खत्म हो गया था। सरकार उनका कार्यकाल बढ़ाती कि इसी बीच आरटीआई कार्यकर्ता संकेत साहू ने एक दर्ज से ज्यादा करोड़ों रूपए कीमत की सरकारी जमीनों के मामले कलेक्टर रूचिका चौहान से लेकर मुख्यमंत्री तक भेज दिए जिसमें विजय कुमार शर्मा की भू-माफियाओं से मिलीभगत नजर आ रही है। यह सरकारी जमीनें भू-माफियाओं की हो चुकी हैं, विजय कुमार शर्मा ने सरकार के पक्ष मजबूती से नहीं रखे।
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