कटघरे में सरकारी वकील भाग-1ः 10 करोड़ की सरकारी जमीन हथियाने का आरोप, अदालत ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

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-सीएम तक पहुंचा मामला, सीएम कार्यालय ने भी दिये जांच के आदेश, मामला ग्वालियर के महलगांव का

हरीश चन्द्रा, ग्वालियर।

जब माली ही खेत को खा जाए तो फिर भरोसा किस पर करें, यह कहावत आए दिन चरितार्थ होती रहती है। ऐसा ही एक बड़ा मामला ग्वालियर के महलगांव स्थित करीब 10 करोड़ कीमत की सरकारी जमीन का है। इसे सरकारी वकील विजय कुमार शर्मा ने ही अपने और अपनी पत्नी साधना शर्मा के नाम करा लिया, यह आरोप लगाते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने पहले लोकायुक्त को शिकायत की लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तब अदालत की शरण ली। अब अदालत ने लोकायुक्त से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। लोकायुक्त को यह रिपोर्ट 30 अप्रैल को प्रस्तुत करना है। उधर, यह मामला संकेत साहू ने मुख्यमंत्री को भी भेजा था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ओएसडी आलोक सोनी ने अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मंत्रालय को भी जांच के निर्देश दिये हैं। मंत्रालय ने ग्वालियर कलेक्टर को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम राजस्व झांसी रोड को एक सप्ताह में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने  के निर्देश दिये हैं।

सरकारी से निजी हो गई जमीन

संकेत साहू ने लोकायुक्त में लिखित शिकायत करते हुए उल्लेख किया है कि ग्वालियर जिले के ग्राम महलगांव के सर्वे नंबर 974 का मिसिल बंदोबस्त संवत 1997 (वर्ष 1940) के खसरे में यह जमीन सरकारी और माफी देवस्थान मंदिर की थी, लेकिन वर्ष 2021 के खसरे में महलगांव की सर्वे नंबर 974/7 की जमीन का नामांतरण और इंद्राज दुरस्ती विजय कुमार शर्मा और उनकी पत्नी साधना शर्मा के नाम दर्ज हो गई। विजय कुमार शर्मा अक्टूबर 2019 से जिला न्यायालय के सरकारी वकील हैं। सरकार ने उन्हें सरकार का पक्ष मजबूत रखने और सरकारी जमीनों की रक्षा की जिम्मेदारी दी है।

अदालत ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करने वाले माफियाओं के खिलाफ संकेत साहू अभियान छेड़े हुए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने लोकायुक्त को महलगांव के इस सर्वे नंबर को निजी किये जाने की शिकायत की थी। लेकिन लोकायुक्त शिकायतकर्ता के बयान तो दर्ज कर लिये लेकिन जब मामला खटाई में पड़ता नजर आया तो संकेत ने जिला न्यायालय में परिवाद दायर कर सरकारी जमीन को बचाने की गुहार लगाई। अदालत ने शिकायतकर्ता के अधिवक्ता के तर्क सुनने और दस्तावेज देखने के बाद इस मामले में लोकायुक्त को नोटिस जारी करते हुए 30 अप्रैल को स्टेट्स रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

पहले भी आरोपों में घिरे विजय शर्मा

सरकारी वकील विजय कुमार शर्मा सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करने या सरकार का पक्ष मजबूती से न रखने के आरोप में घिर चुके हैं। सरकार की कई स्थानों की करोड़ों रुपए की जमीनें निजी हो चुकी हैं। इसमें कई जमीनें तो सरकारी मंदिर पेटे की हैं। यह शिकायतें भी सरकार तक पहुंच चुकी हैं।

 

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