गरमाई राजनीतिः महापौर पत्नी पर निशाना साध विधायक पति को पटकनी देने की कोशिश, दिया धरना

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पूर्व विधानसभा में वर्चस्व की जंग को लेकर पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने नगर निगम मुख्यालय के सामने पांंच सैकड़ा लोगों को लेेेकर दिया धरना, कांग्रेस विधायक को दी माफिया की संज्ञा

ग्वालियर।

मप्र बीज निगम के चेयरमैन पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय के सामने धरने पर बैठ गये। धरने में भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी भी शामिल हुए। आंदोलनों के लिए गोयल ने महापौर डॉ. शोभा सिकरवार को निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि वे गरीबों के केदारपुर में आवंटित जमीन पर विकास कार्य नहीं होने दे रही हैं, लेकिन आंदोलन के पीछे ग्वालियर पूर्व विधानसभा में वर्चस्व की जंग बड़ा कारण है। इस सीट पर भाजपा से कांग्रेस में आए और विधायक बने डॉ. सतीश सिंह सिकरवार से उनकी सीधे प्रतिद्ंविता चल रही है। डॉ. सिकरवार की पत्नी डॉ. शोभा सिकरवार महापौर हैं। गोयल इस सीट से फिर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं इस कारण वे विधायक व महापौर को दरकिनार कर क्षेत्र में लगातार नारियल फोड़ रहे हैं। धरने को संबोधित करते हुए गोयल ने विधायक को माफिया तक कह दिया।

भाजपा नेताओं ने बनाई दूरी

धरने के लिए भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग मोर्चे के बैनर का उपयोग किया, लेकिन मुख्य भूमिका में मुन्नालाल गोयल ही रहे। गोयल ने आरोप लगाया कि विधायक सतीश सिकरवार और उनकी महापौर पत्नी शोभा सिकरवार दलित और आदिवासियों के घरों के निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन पर न सिर्फ कब्जा जमाए बैठे हैं बल्कि वह उस जमीन पर सरकार द्वारा मंजूर किए गए विकास कार्यों को भी नहीं होने दे रहे हैं। फूटी कॉलोनी, सिरौल सहित शहर के विभिन्न इलाकों से हटाए गए 397 गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को भाजपा सरकार ने केदारपुर में स्थाई पट्टे दिए हैं। यहां सड़क, सीवर, नल और अन्य सुविधाओं को लेकर सरकार ने करीब 5 करोड रुपए मंजूर किए हैं, लेकिन महापौर शोभा सिकरवार नगर निगम में इस गरीब बस्ती की फाइलों को दबाकर बैठी हैं। पति पत्नी दोनों खुद को गरीब और कमजोर वर्गों के हितेषी साबित करने के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन यही लोग सरकार द्वारा मंजूर की गई केदारपुर की जमीन पर विकास कार्य होने दे रहे हैं और न ही उनकी जमीन पर से अपना कब्जा हटा रहे हैं। मुन्नालाल गोयल ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार और उनकी पत्नी शोभा सिकरवार को सद्बुद्धि दे और वह कमजोर वर्गों के लिए विकास कार्यों को  होने दें अन्यथा आने वाले चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी। सुबह ग्यारह बजे शुरू हुआ धरना एक बजे तब खत्म हुआ जब अपर आयुक्त आरके श्रीवास्तव धरना स्थल पहुंचे और ज्ञापन लिया। धरने में नितेश शर्मा , पारस जैन, धर्मेंद्र राणा, दिनेश शर्मा, भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जनवेद चौरसिया , भाजयुमो के जिलाध्यक्ष प्रतीक तिवारी के अलावा पार्षद बृजेश श्रीवास, रेखा त्रिपाठी भी मौजूद रहे

५७ साल बाद कांग्रेस की महापौर

ग्वालियर नगर निगम में पिछले सत्तावन साल में पहली बार कांग्रेस की महापौर बनी हैं।  हालांकि नगर निगम परिषद में बहुमत भाजपा का ही है लेकिन भाजपा विपक्ष में है। निगमायुक्त को दो करोड़ रुपये तक के वित्तीय अधिकार हैं जबकि महापौर पांच करोड़ रुपये तक की फाइल स्वीकृत कर सकती हैं। केदारपुर की फाइल लगभग पांच करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों की है। गोयल का आरोप है कि कार्यों के टेंडर तो लग चुके हैं लेकिन महापौर वर्क ऑर्डर जारी नहीं होने दे रहीं। इस मामले में महापौर का कहना है कि गोयल के आरोप निराधार हैं। वे बौखला गये हैं। वर्क ऑर्डर तो अधिकारियों को जारी करना होते हैं।

 

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