30 अप्रैल को शाम 5 बजे अचलेश्वर महादेव मंदिर से महाराज बाड़े तक निकाले जाने वाले भगवान परशुराम चल समारोह में देवी-देवताओं की मथुरा-वृंदावन से आने वाली झांकियों के आगे समाज की 151 महिलाओं द्वारा निकाली जाने वाली कलश यात्रा चलेगी।
चल समारोह के संयोजक पंडित इंजी. राजेश नायक ने बताया कि यात्रा की निर्मिति ऐसी रहेगी कि सबसे आगे डांडिया नृत्य करने वाला बालिकाओं का समूह, उसके पश्चात समाज की बहनों द्वारा आयोजित कलश यात्रा, तत्पश्चात देवी-देवताओं की भव्य झांकियां चलेंगी जो कि चल समारोह का मुख्य आकर्षण रहेंगीं।
मातृशक्ति करेंगीं भगवान परशुराम चल समारोह का नेतृत्व! नायक ने कहा कि हमारे धर्म में संस्कृति और सभ्यता की स्थापना का नेतृत्व मातृशक्ति के हाथ में रहा है और इस परम्परा का निर्वाह चल समारोह में देखने को मिलेगा।
समारोह की तैयारियों को मूर्त रूप देने के लिए निम्न लोग बैठक के दौरान उपस्थित रहे।
जिनमें सर्व पंडित किशन मुदगल जी, पंडित रामबाबू \कटारे जी, पंडित अशोक पटसरिया जी, पंडित महेश मुदगल जी, पंडित के. डी. सोनकिया जी पंडित राकेश नायक, जी, श्रीमती अनीता रिछारिया (संयोजिका), रवि भारद्वाज (युवा संयोजक), देवेंद्र दुबे जी,पंडित अतुल पांडे जी, पंडित महेंद्र शर्मा, (विक्की) अनिल भारद्वाज जी, हेमंत बिधुआ जी, ध्रुव चतुर्वेदी, आदि ब्राह्मण बंधु उपस्थित रहे।