दिल्ली सरकार ने रोका निर्माणाधीन सात अस्पतालों का काम

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नई दिल्ली  – दिल्ली सरकार ने निर्माणाधीन सात अस्पतालों का काम रोक दिया है। इनमें से छह अस्पतालों का ढांचा तैयार हो चुका है। काम रोकने का कारण है कि अब अस्पतालों के अंदर के कार्य के लिए फिर से प्लानिंग हो रही है। तीन साल पहले ये अस्पताल कोरोना महामारी को देखते हुए आइसीयू बेड के लिए बनाए जाने शुरू किए गए थे।

यहां 6800 आईसीयू बेड बनने थे। मगर कोरोना महामारी समाप्त हो जाने के लिए अब इन्हें सामान्य अस्पताल की तरह चलाने की योजना बनाई गई है। ऐसे में अस्पताल के अंदर की पूरी व्यवस्था बदल जाएगी। लोक निर्माण विभाग इस योजना पर काम कर रहा है। 2020 में इस योजना पर काम पर शुरू हुआ था। बता दें कि ये वही सात कोरोना अस्पताल हैं जिन्हें लेकर विवाद है। इनके टेंडर में गड़बड़ी के आरोप पर उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा काे जांच के आदेश दिए हैं।

इस परियाेजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि परियोजना के तहत काम जारी रहेगा इसे नहीं रोका जाएगा क्योंकि एसीबी की ओर से ऐसे कोई रोक नही लगाई गई है। इनमें से पांच अस्पतालों का 90 से लेकर 95 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है। परियोजना के बीच आ रहे हरे पेड़ों को काटने की देर से मिली अनुमति के चलते रघुबीर नगर अस्पताल का देर से काम शुरू हो सका है।इसके चलते इसका अभी काफी काम बचा हुआ है।

इन अस्पतालों पर 1256 करोड़ के करीब राशि खर्च हो रही है। अस्पतालों का जल्द निर्माण करने के लिए बहुमंजिला अस्पतालों के भवनों को आयताकार ट्यूब स्टील के ढांचे पर बनाया जा रहा है। इन अस्पतालों में इमरजेंसी ओपीडी व वार्ड सहित सभी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा आक्सीजन टैंक का भी इंतजाम किया जाएगा। किराड़ी में जिस कोरोना अस्पताल को अब तक तैयार हो जाना था इसका काम ही अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इस कार्य में देरी का कारण जमीन से लगातार पानी आना है। इसे लेकर लोक निर्माण विभाग ने अब अस्पताल के निर्माण की तकनीक बदली है।

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